ॐ कृष्णय नमः एस के पूनम

🙏ऊँ कृष्णाय नमः🙏 विधाता छंद। (विलोचन में दिखी लाली) चुनावों ने विचारों का, दिये थे खोल जब ताले। ललक ने हस्त फैलाया, अधर पर थे कई प्याले। प्रचारों से जगी…

वाह रे इंसान -जैनेन्द्र प्रसाद रवि

वाह रे इंसान पितरों को पानी देते हैं, जिंदा को सम्मान नहीं, गली-गली इंसान भटकता, क्या उसमें भगवान नहीं? मूर्ति की पूजा होती है, फूल चढ़ाए जाते हैं, कुछ जाति…

शिव बम भोले -राम किशोर पाठक

शिव बम भोले- भुजंग शिशुसुता छंद वार्णिक शिव-शिव बम भोले हैं। मधु रस मन घोले हैं।। जब-जब हम बोले हैं। सुनकर शिव डोले हैं।।०१।। पशुपति त्रिपुरारी हैं। समरस शुभकारी हैं।।…

बिरसा मुंडा की जयंती-रामपाल प्रसाद सिंह ‘अनजान’

आजादी आधार, मिली जब से भारत को। दौड़ पड़े सबलोग,विनत हुए सु-स्वागत को।। सुनकर विस्मित मान,रहे हैं खुद को प्राणी। कितने तन बलिदान,हुए हैं जग कल्याणी।। श्रेष्ठों में से एक,आज…

फिर क्यों करती है माँ हल्ला-राम किशोर पाठक

कहती अम्मा मुझको लल्ला। फिर क्यों करती है माँ हल्ला।। कान्हा थें कितना ही नटखट। माखन मिसरी खाते चटपट।। घूमा करते सदा निठल्ला।। फिर क्यों करती है माँ हल्ला।।०१।। फिर…

विजयोत्सव दिवस -नीतू रानी

विषय -विजयोत्सव दिवस। शीर्षक -अंग्रेजों से लड़ते रहे। बाबू वीर कुंवर सिंह वीर कुंवर सिंह का असली नाम बाबू वीर कुंवर सिंह था, पिता का नाम बाबू शाहबजादा माता का…

बाल दिवस -गिरिंद्र मोहन झा

बाल दिवस – १४ नवंबर खेलो-कूदो, खूब पढ़ो, बच्चों तुम जिज्ञासु बनो, मोबाइल से तुम दूर रहो, हो सके तो सदुपयोग करो, सब काम करना सीखो, माता-पिता, मित्रों के साथ,…

बाल दिवस-वासुदेव छंद गीत – राम किशोर पाठक

बाल दिवस पर, वारा है- वासुदेव छंद गीत प्रेम मुदित पल, सारा है। बाल दिवस पर, वारा है।। आओ मिलकर, बच्चों से। वादा कुछकर, सच्चों से।। आँखों का वह, तारा…