उठा वीणा बजा डालूँ , सुना मधुमास आया है । ये तारें हैं वीणा की , मधुर झंकार लाया है । खिले हैं फूल चहुँदिस में, बड़ा संदेश लाया है…
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शिक्षक ज्ञान के दीपक -अमरनाथ त्रिवेदी
हम शिक्षक ज्ञान के दीपक हैं , सदा ज्ञान का प्रकाश फैलाते। कथनी करनी में भेद नहीं , जीवन का यही राग सुनाते।। बच्चों के सुनहरे सपने को , हम…
संसार के असली मर्म – अमरनाथ त्रिवेदी
कोई भी कुछ कह ले सुन ले , इस दुनिया में कोई नहीं रह पाया है । जो इस मृत्यु भुवन आया वंदे , कभी चैन नहीं रह पाया है…
यह नव वसंत कुछ बोल रहा – अमरनाथ त्रिवेदी
जीवन में अमृत घोल रहा , यह नव वसंत कुछ बोल रहा । कौशल है इसकी छटाओं में , हर वृक्ष है इसकी भुजाओं में । हर रूप है इसकी…
अहिंसा के पुजारी महावीर- अमरनाथ त्रिवेदी
जैन धर्म के महापर्व के सुखद अवसर को हम जानें । २४ वें तीर्थंकर भगवान महावीर को , हम सभी भक्ति भाव से मानें । कुंडलपुर में भगवान महावीर का…
मन अपना वासंती कर लें – अमरनाथ त्रिवेदी
सुभग संस्कार से रग रग भर दें । मन अपना वासंती कर लें । सुभग पवन के सरस हैं झोंके , कोई नहीं जो इनको रोके । विशद बड़ाई वसंत…
राम नाम है शीर्ष जगत में – अमरनाथ त्रिवेदी
राम नाम है शीर्ष जगत में, यह खुशियों का आगार है। भज ले रे मन मीत मेरे, बिन इसके सब बेकार है। चाहते हैं कुछ अच्छा करना राम नाम पहले…
ह्रदय की पुकार- अमरनाथ त्रिवेदी
ह्रदय की पुकार पर , बढ़े चलो -बढ़े चलो । मन कभी विचलित भी हो , तुम भटक गए पथिक भी हो । सुनो हमेशा अपनी पुकार पर , रुको…
कर्त्तव्य के आलोक पथ पर – अमरनाथ त्रिवेदी
कर्त्तव्य के आलोक पथ पर , कुछ दीया मैं भी जला दूँ । सज दूँ इसे अवली बनाकर , प्रेमपथ में भी सजा दूँ । नेह सारे मिल गए ,…
चाहत – अमरनाथ त्रिवेदी
जीवन मे प्रेम का आधार हो , इसमें न छल व्यापार हो । न कालिमा -सी बात हो , न, छुपा रुस्तम आगाज़ हो । चरण पड़े जहाँ- जहाँ ,…