देश हमारा हरपल आगे। भारत वासी जब-जब जागे।। आदर देते हम-सब आएँ। भारत माँ की जय-जय गाएँ।। देव यहीं भूतल पर आते। धन्य धरा को कर सब जाते।। भूतल है…
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पेड़- गिरीन्द्र मोहन झा
पेड़ बीज को अंकुरित होने में भी लगता है संघर्ष, पौधे धीरे-धीरे बढ़कर हो जाते हैं पेड़, यह पतझड़-वसंत-ग्रीष्म-वृष्टि-शीत, सबको सहता है, सबका आनंद लेता है, उचित समय के अनुसार,…
हिंदी – गिरिधर कुमार
हिंदी हिन्द की आवाज, प्राकृत, पाली, संस्कृत से क्रमशः निःसृत, भारतीयता की पहचान हिंदी। भारतेंदु से पंत तक, महादेवी से भावपूरित, निराला के अंनत तक, दिनकर की ओज…
हिंदी हैं हम – आशीष कुमार पाठक
हिंदी हैं हम हिंदी हमारी वेदना हिंदी हमारी गान हिंदी हमारी आत्मा यह देश की हर तोतली आवाज हिंदी हमारी जान हमारी आन बान और शान मातृभूमि पर मर…
स्कूल कितना जरूरी है – अमृता कुमारी
स्कूल कितना जरूरी है! यह स्वतंत्र हंसी ये आंखों की चमक बता रही है कि… लड़कियों के लिए स्कूल कितना जरूरी है! अपने सपनों को एक दूसरे से कहकर…
एक पौधा लगाऊंगा – राम बाबू राम
एक पौधा लगाऊंगा एक पौधा लगाऊंगा, उसमें रोज पानी डालूंगा। जंगल-झाड़ काटकर, साफ-सुथरा रखूंगा, जब पौधा बड़ा हो जाए, उसके छांव में बैठूंगा। फिर झूला झूलूंगा, फल तोड़ घर…
शराब कभी न पिएंगे – बिंदु अग्रवाल
शराब कभी न पिएंगे आज अचानक मन में एक खयाल आया.. गम को कम कैसे करें यह सवाल आया.. सोचा चलो हम भी पीकर झूमते है, यूँ शराब…
शिक्षक तेरी सत्य कहानी – डॉ कार्तिक कुमार
शिक्षक तेरी सत्य कहानी शिक्षक तेरी सत्य कहानी, हाथ में लेखनी आंख में पानी। जीवन बिता विज्ञानी वाणी, सुनो अपनी सरल कहानी। पुरानी पेंशन हाथ ना आनी, बुढ़ापे मैं…
हम शिक्षक – डॉ स्नेहलता द्विवेदी
हम शिक्षक धीरे धीरे मैं गढ़ती हूँ, घर घरौंदा आदिम सब, जाने जैसे कैसे लिखती वर्ण व आख़र आखिर सब। कोमल निर्मल मन पर लिखती खेल खिलौने बाकिर सब,…
शिक्षक दिवस – हर्ष नारायण दास
शिक्षक दिवस शिक्षक नहीं है सामान्य व्यक्ति, वह तो शिल्पकार होता है। गीली मिट्टी को सँवारने वाला कुम्भकार होता है।। उसने ही श्रीराम गढ़े हैं, वह ही श्रीकृष्ण निर्माता। वह…