लोकतंत्र में जनता का शासन,
जनता ही इसका बल है।
हम सब इसके सजग प्रहरी,
यही गणतंत्र का मजबूत संबल है।
हर मतदाता का अधिकार सुनिश्चित,
यही स्वस्थ लोकतंत्र की खूबी।
इसके मत से सरकार है बनती,
यही सच्चे जनतंत्र की बखूबी।
राष्ट्रीय मतदाता दिवस मनाने के पीछे
इसके मकसद को हम जानें।
लोकतंत्र जनता का संबल,
इसकी विशेषता को पहचानें।
हर व्यक्ति का मान बराबर,
नहीं छोटे बड़े का झगड़ा।
पढ़ा-लिखा या अनपढ़ में,
नहीं तनिक विभेद का लफड़ा।
सबकी इज्जत सबके मत का
है समान मूल्य आँका जाता।
सबकी भागीदारी सबके चिंतन में,
न कभी विभेद परोसा जाता।
मतदाता ही सरकार बनाते,
मतदाता ही सरकार बदलते हैं।
बिना किसी खून खराबा के,
चक्र राजनीति के घूमते हैं।
राष्ट्रीय मतदाता दिवस मनाने में,
सब मतदाता का सम्मान बढ़ जाता।
यही सजग मतदाता की कीमती पूँजी है,
यह सबका स्वाभिमान जगाता।
अपने-अपने महती दायित्वों का,
सबको ससमय बोध कराना है।
सब हैं भारत के सजग प्रहरी,
इस बड़े दायित्व से परिचय करवाना है।
यहाँ लोकतंत्र फल फूल रहा है,
इसके दशकों बीत चुके हैं।
जनता की निज इच्छा पर,
कई बार सरकार भी बदल चुके हैं।
सब मतदाता सम्यक अधिकारों का,
स्वयं बोध करें और करायें।
स्वस्थ लोकतंत्र के सजग प्रहरी होने का,
अपना सम्यक उत्तरदायित्व निभायें।
अमरनाथ त्रिवेदी
पूर्व प्रधानाध्यापक
उत्क्रमित उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बैंगरा
प्रखंड-बंदरा,जिला-मुजफ्फरपुर