गीततुम मुझको नारी रहने दोअपनी अधिकारी रहने दो ।। सत्ता का लोभ नहीं मुझकोन दौलत की ही चाहत है पैरों के बंधन तोड़ मेरे निर्बन्धता में राहत है चालें तेरी…
Category: हौसला
मन अगर वैधव्यमय हो.. डॉ स्वराक्षी स्वरा
मन अगर वैधव्यमय होतन सजाकर क्या करूंगी? चाह कब मैंने किया थास्वर्ण से यह तन सजानाऔर तो इच्छा नहीं थीआसमां तक उड़के जानाकामना इतनी सी मेरीसाथ मिलकर पग बढ़ाना पांव…
हौसलों से ऊंँची उड़ान – रवि कुमार
हौसलों से ऊँची उड़ान रख विश्वास अपने मेहनत पर तू, एक दिन करेगा अपने ऊपर अभिमान,छोड़ मत देना ये उम्मीदें क्योंकि अभी भरनी है तुझे अपने हौसलों से ऊँची उड़ान….…
अमूल्य इनका मोल-एस.के.पूनम
विधा:- रूप घनाक्षरी (अमूल्य इनका मोल) मिला के कदम ताल, कर दिये बुरा हाल, मचा गया हाहाकार,हुई जब कई गोल। विपक्ष को चुभा शूल, कर बैठा कई भूल, अहंकार से…
जागो, उठो समय है पुकारता – सुरेश कुमार गौरव
उठो जवानों, चलो बनाओ, नव युग का इतिहास रचाओ। हौसलों से भर दो धरती और गगन, हर दिशा में करो आलोकित जीवन। तुम हो शक्ति, तुम हो रणवीर, तुम्हीं में…
शुभ्रक की अमर गाथा – अवनीश कुमार
आओ सुनाऊँ तुम्हें, एक बेज़ुबान, स्वामीभक्त शुभ्रक की अमर कहानी… जब ऐबक ने राजपुताना लूटा, मेवाड़ का वैभव मिट्टी में रौंदा, राजा रावल सामंत सिंह का रक्त बहाया, राजकुमार करण…
नारी- दीपा वर्मा
नारी बेचारी,पापा की प्यारी, भैया की दुलारी। मायके की लाज बचाती, ससुराल की आन निभाती। काम के बोझ की मारी, थकी-हारी ,नारी बेचारी। सबके लिए बनी नारी, उसकी नहीं होती,…
बेटी की सफलता – जैनेन्द्र प्रसाद रवि’
माता की दुलारी बेटी, दुनिया में न्यारी बेटी, आसमान छूने का ये, तरीका नायाब है। खतरों से खेल कर, दबावों को झेलकर, होता है सफल वो जो, झेलता दबाव है।…
लहराईं परचम – जैनेन्द्र प्रसाद रवि
लहराईं परचम, दिखलाई दमखम, आज हमारे देश को, बेटियों पे नाज है। रही नहीं छुई-मुई, देखो कामयाब हुई, एक बार फिर सजा, सिर पर ताज है। थके बिना माने हार,…
कर्मनिष्ठ – कुमकुम कुमारी “काव्याकृति”
जिन्हें विश्वास हो खुद पर, सदा आगे वो बढ़ जाते। करते कर्म की पूजा,कर्मयोगी वो कहलाते। नहीं करते शिकवा वो,नहीं कोसते हैं नियति को। बनाकर राह पर्वत में,दशरथ मांझी बन…