अभिलाषा अहर्निश है मेरी संताप हरने की। जीवन में सत्य सुन्दर और अतुलित प्राण भरने की।। समर्पित इस धरा को तम से आजाद करने की। अभिलाषा अहर्निश है मेरी…
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मेरी अभिलाषा – डॉ स्नेहलता द्विवेदी ‘आर्या’
अभिलाषा अहर्निश है मेरी संताप हरने की। जीवन में सत्य सुन्दर और अतुलित प्राण भरने की।। समर्पित इस धरा को तम से आजाद करने की। अभिलाषा अहर्निश है मेरी…
करें इन्हें शत् शत् प्रणाम – नीतू रानी
शिक्षक के प्रति एक अहसास, शिक्षक दिवस को बनाएँ खास। गुरु बिनु ज्ञान न उपजै , गुरु बिनु मिलै न भेव गुरु बिनु संशय न मिटै, जय जय जय गुरुदेव।…
गुरु माना है हम आपको- अभिनव कुमार
जीवन तो समंदर की लहरों में रहता था, और मैं कश्ती लिए किनारे किनारे बहता था। बस सुनता था कही मीन है तो कही सर्प भी, पर अपनी आँखों…
सम्मान – भवानंद सिंह
शिक्षक हूँ, बस मान चाहिए। थोड़ा- सा सम्मान चाहिए।। कोरा कागज हो, या हो पानी उसमें रंग मैं भरता हूँ। कलाकार हैं बड़े प्रवीण हम, छात्रों को यह बतलाता हूँ।।…
सूरज भैया – अवनीश कुमार
सूरज भैया सूरज भैया क्यों है तुम्हारे गाल लाल क्या मम्मी ने तुम्हें डाँटा है या पापा ने मारा तमाचा है? ये गुलाबी नहीं दिखते मुझको तुम्हारे अंगारों से…
दूर तक चलते हुए -शिल्पी
घर की ओर लौटता आदमी होता नहीं कभी खाली हाथ हथेलियों की लकीरों संग लौटती हैं अक्सर उसके अभिलाषाएं, उम्मीद, सुकून और थोड़ी निराशा घर लौटते उसके लकदक कदम छोड़ते…
हाँ ठीक हूँ मैं – डॉ. स्वराक्षी स्वरा
यदि श्रृंगार के पीछे दर्द छुपा कर जीना ही ठीक होना होता है तो, हाँ, ठीक हूँ मैं। यदि काजल की रेखा खींच आँसुओं की नदी के लिए बाँध…