जातियों के नाम पर, इंसानों को बाँटा जाता, अक्सर दो जातियों में, होता तकरार है। कई लोग बैठे हुए हैं दुकान खोलकर, हर जगह धर्म के, कई ठेकेदार हैं। जड़…
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पत्नी का जीवन- नीतू रानी
विषय – संस्कारहीन पति शीर्षक -पत्नी का जीवन मैंने देखा अपनी आँखों के सामने करते पति को पत्नी पर वार, इसलिए पति-पत्नी पर कुछ लिखने का मन में हुआ विचार।…
नारी क्यों मजबूर हुई – नीतू रानी
नारी क्यों मजबूर हुई जब उसपर अत्याचार क्रूर हुई, तभी नारी मजबूर हुई। नारी पर पुरुषों का बज्र प्रहार, नारी खाती रही पुरुषों की मार। नारी पर बदनामी की दाग,…
मैं खुश हूं कि – रंजीत कुशवाहा
मैं खुश हूं कि क्योंकि मैं थोड़ा बहुत कमा लेता हूं, यानि बेरोजगार तो नहीं हूं , जो बेरोजगार लोग होंगे उनका जीवन यापन कितनी कठिनाई से गुजरती होगी। मैं…
झूठी शान – जैनेन्द्र प्रसाद रवि’
जब कोई बेसहारा पाता हो सहारा नहीं, दिखावे को महलों में रखते हैं बाँध स्वान। सोने हेतु काफी होता दो गज जमीन जब, क्या फायदा रहने को, भवन हो आलिशान?…
किताब मेरा साथी – अभिनव कुमार
किसी ने कहा, तू मौन हो गया है । आजकल अपने आप में गौण हो गया है।। लगता है तेरे दोस्त, तुझे छोड़ दिए। तुमसे बातें करने वाले मुख मोड़…
सिद्धार्थ रोए थे- एस के.पूनम
🙏कृष्णाय नमः🙏 🌹विद्या:-कवित्त🌹 बुद्ध शुद्ध रूपमान, आते-जाते देखे प्राण, मौन व्रत रख कर,विचारों में खोए थे। हुए कई अवतार, ज्ञानवान करतार, दुखियों को देख कर,सिद्धार्थ रोए थे। प्रीत रीत छोड़…
सगुण छंद – सुधीर कुमार
मात्रा – 19 122 122 122 121 बहाओ सदा प्रेम भरकर समीर । मिटाओ अँधेरा गये कह कबीर ।। जलो दीप जैसा करो तुम प्रकाश । न टूटे कभी प्रेम…
जाति जनगणना गीत- नीतू रानी
जनगणना गीत हे बहिना जाय छी करै लय जाति जनगणना कार्य हे गरमी में सबके अंगना द्वार हे ना। जाय छी सबके अंगना द्वार लैछी सबकेअ नाम पुकार हे बहिना…
मां की विवशता- दया शंकर गुप्ता
आइए करें एक विचार, क्या मिला है अब भी, माताओं को उचित सत्कार? जेहन में आता है घटना बार बार, जा रहा था बस से मै बाजार, अचानक एक नवजात…