जैन धर्म के महापर्व के
सुखद अवसर को हम जानें ।
२४ वें तीर्थंकर भगवान महावीर को ,
हम सभी भक्ति भाव से मानें ।
कुंडलपुर में भगवान महावीर का
ईसा पूर्व अवतरण हुआ ।
सत्य , अहिंसा के इस धीर व्रती का
जग में पावन पहचान हुआ ।
भगवान महावीर अहिंसा के पुजारी ,
जिनके उपदेश बड़े सुखकारक हैं।
प्रेम , सद्भाव , शांति वचन उनके ,
ये सभी जीव मात्र हितकारक हैं ।
जियो और जीने दो के नारे ,
उनके बड़े लोकप्रिय हुए ।
सब प्राणों को समान समझने से ,
सबके वे बहुत प्रिय हुए ।
मंगलमय उपदेश महावीर के
मानव के लिए बड़े प्रेरक हैं ।
हो वर्जित जीव हिंसा सर्वत्र ,
यह संसार के लिए बड़े सत्प्रेरक हैं ।
शांति , सद्भाव की गूँज सदा औ
मानव अहिंसा का पुजारी हो ।
व्यर्थ किसी का न कोई प्राण हरे ,
न कभी हिंसा करना लाचारी हो ।
शांति , अहिंसा , सत्य पथ पर चलने को ,
भगवान महावीर के उपदेश सदा बताते हैं ।
यही मंगल संदेश दुनिया भर में ,
प्राणियों पर दया करने की राह समझाते हैं ।
उनके विचार सभी सभ्य सार्थक ,
ये मंगल उपदेश प्रबोधक भी ।
प्रेम , सद्भाव औ शांति तितिक्षा ,
ये सभी जीवन के संवर्धक भी ।
प्रण करें हम आज ही शुभ दिन ,
उनके उपदेश का सदा मनन करें ।
उनके विचारों को नित ध्यान में रखें ,
न तनिक उनके वचनों का हनन करें ।
अमरनाथ त्रिवेदी
पूर्व प्रधानाध्यापक
उत्क्रमित उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बैंगरा
प्रखंड बंदरा , जिला मुजफ्फरपुर