अहिंसा के पुजारी महावीर- अमरनाथ त्रिवेदी

जैन धर्म के महापर्व के
सुखद अवसर को  हम जानें ।
२४ वें तीर्थंकर भगवान महावीर को ,
हम  सभी  भक्ति भाव से  मानें ।

कुंडलपुर में भगवान महावीर का
ईसा पूर्व  अवतरण हुआ ।
सत्य , अहिंसा के इस धीर व्रती का
जग में  पावन पहचान  हुआ ।

भगवान  महावीर अहिंसा के पुजारी ,
जिनके उपदेश  बड़े सुखकारक हैं।
प्रेम , सद्भाव  , शांति वचन उनके ,
ये  सभी जीव मात्र हितकारक  हैं ।

जियो और जीने दो के नारे ,
उनके बड़े लोकप्रिय हुए ।
सब प्राणों को समान समझने से  ,
सबके वे बहुत प्रिय हुए ।

मंगलमय  उपदेश महावीर के
मानव के लिए बड़े प्रेरक हैं ।
हो वर्जित जीव हिंसा सर्वत्र ,
यह संसार के लिए बड़े सत्प्रेरक हैं ।

शांति , सद्भाव की गूँज सदा औ
मानव अहिंसा का पुजारी हो ।
व्यर्थ किसी का न कोई प्राण हरे ,
न कभी हिंसा करना लाचारी हो ।

शांति , अहिंसा , सत्य पथ पर चलने को ,
भगवान महावीर के उपदेश सदा बताते हैं ।
यही मंगल संदेश दुनिया भर में ,
प्राणियों पर दया करने की राह समझाते हैं ।

उनके विचार सभी सभ्य सार्थक ,
ये मंगल उपदेश प्रबोधक भी ।
प्रेम , सद्भाव औ शांति तितिक्षा ,
ये सभी जीवन के संवर्धक भी ।

प्रण करें हम आज ही शुभ दिन ,
उनके उपदेश का सदा मनन करें ।
उनके विचारों को नित ध्यान में रखें ,
न तनिक उनके वचनों का हनन करें ।

Amarnath Trivedi

अमरनाथ त्रिवेदी
पूर्व प्रधानाध्यापक
उत्क्रमित उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बैंगरा
प्रखंड बंदरा , जिला मुजफ्फरपुर

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