बच्चों की चाह
हम फूल हैं नन्हीं बगिया के,
हमसे ही दुनिया महकेगी।
विद्यालय जाएँगे जब हम,
शिक्षा की ज्योति चमकेगी।।
जो ठाना है हमने मन में ,
हम वह करके दिखलाएंगे।
नेकी के रास्ते पर चलना,
हम दुनिया को सिखलाएंँगे।।
मदद सदा गरीबों की करना,
धर्म यही अपनाना है।
मानवता हो मूल मंत्र,
सबको यह बतलाना है।।
खुशबू बनकर शिक्षा की,
हम इस जग को महाकाएँगें।
ज्ञान दीप की ज्योत जला,
हम अंँधियारा दूर भगाएंगे।।
मत छीनो तुम हमसे नभ को,
उन्मुक्त गगन में उड़ने दो ।
मत तोड़ो सपने हमारे तुम,
जीवन पथ पर बढ़ने दो ।।
बिंदु अग्रवाल, शिक्षिका
मध्य विद्यालय गलगलिया
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