मनहरण घनाक्षरी- रामकिशोर पाठक

सुभाष चंद्र बोस को,
देश के उस जोश को,
जनता मदहोश को,
फिर से जगाइए।

पास और पड़ोस को,
देश और विदेश को,
अंतर्मन के रोष को,
हौसला दिखाइए।

धरती आसमान को,
देश के अभिमान को,
खोये आत्मसम्मान को,
त्याग से जगाइए।

दे दो तुम खून मुझे,
कहें दूँ आजादी तुझे,
याद उन्हें करने को,
जयंती मनाइए।

राम किशोर पाठक
प्राथमिक विद्यालय भेड़हरिया इंगलिश पालीगंज, पटना

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